INDICATORS ON BAAP BETI SEX STORY YOU SHOULD KNOW

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कुंवारी लड़की की चुदाई सगे छोटे भाई के लंड से

जिससे उसकी हमारी आह आ उहह आ आहह कि अवाजे उसके कमरे में चली जाएं, और उसको उससे भी ज्यादा सेक्स चडे।

कुछ दिन फिर हमारा रोज ही बस से आना जाना हुआ मेरी और उसकी रोज मुलाकात होने लगी।हम एक दुसरे देखकर थोडा मायुस फिल करते लेकिन मन ही मन मे मज़ा आता था।मुझे तो बडी खुशी होती थी उषको मुझे देखते हुए।कभी कभी वोह हसा भी करती थी।शायद वोह हमारे साथ हई घटना को Baap beti chut chudai भुलकर उसे पाॅझीटिव्ली ले रही थी।शायद वोह मेरे बारे मे कुछ कुछ सोचने लगी थी सोचने मतलब वोह मुझमे कुछ ढुंढने लगी थी। फिर एक दिन मैने ही वक्त निकालकर उसका उसके बस स्टाॅप तक पीछा किया।और उसके स्टाॅप पर उतर गया।वोह मुझे देखकर मेरे पास आ गई और मुझे ईस बारे मे पुछने लग गई।वोह कहने लग गई क्यु तुम मेरा पिछा करते करते यहाँ तक क्यो आये हो।तुम्हे शर्म नही आ रही यहा तक आते।

मानसी नजरें झुका कर बैठी रही मगर कुछ नहीं बोली।

Main kaam ke liye Asam gaya jaha meri beti padhti thi. Jaaniye kaise mujhe meri beti ke randi hone ka pata chala, aur fir maine usko choda.

पापा अपना लण्ड पेलते हुए मेरे गाल चाट रहे थे. पापा मेरे गाल चाट बोले- बेटी रो मत अब तो पूरा चला गया.

गुलाबी चुत का उद्घाटन किया मेरा बॉयफ्रेंड

-आलोक और मानसी की चुदाई के बारे में रागिनी के आलोक से सवाल और आलोक के जवाब।

जब उमेश मेरी चूचियों और गालों को मसलने लगा तो मैं पापा से पहले उमेश से मजा लेने को तैयार हो गई. उसकी छेड़छाड़ में मजा आ रहा था.

Baap aur beti ke rishte me kamukta se bhari sachi incest chudai ki story, jiska maja aap desi kahani par le sakte hai. Father and daughter erotic sexual intercourse tales.

पापा से तौलिया ले चूत को रगड़ रगड़कर साफ़ किया. पापा को उमेश वाली बात पता नहीं चलने दी.

“पहले तो मानसी भी मेरे साथ ही सोती थी। बाद में वो अलग सोने भी लग गयी थी। अब मैं रात को अपने कमरे में अकेला होता हूं। अब तुम ही बताओ रागिनी क्या जवान होती हुई लड़की मानसी को दिखाई नहीं देता था कि हम पति-पत्नी रात इकट्ठे नहीं सोते। दिन की तो बात ही छोड़ दो, दिन में तो हम साथ-साथ होते ही नहीं”।

मैं नीचे से गांड उचकाती सिसयाते हुए बोली- हाय उमेश, जोर जोर से चोदो, तुम्हारा लण्ड छोटा है. जरा ताक़त से चोदो राजा.

.मेरे दिमाग़ में तो रह रह कर वो अजीब सी गुदगुदी जो मुझे पिताजी के सहलाने से हुई थी गूँज रही थी….आप ये चुदाई कहानी निऊ हिंदी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। तभी माँ जो कि मेरी बराबर में लेटी थी धीरे से फुसफुसाई..….अंकिता बेटा!!!!मैने सोचा ज़रूर पानी वाणी मंगाएगी मम्मी मैं तो चुप चाप ही लेटी रही…. माँ ने एक आवाज़ और लगाई और उठ के बैठ गयी..मैं फिर भी चुप चाप लेटी रही..तभी माँ उठ कर पिताजी के बिस्तर की तरफ चली गयी..मैने सोचा माँ वहाँ क्यों गयी है?? लेकिन माँ तो पापा के पास पहुँचते ही उनसे किसी भूखे भेड़िए की तरह लिपट गयी….ये देखते ही मेरा अंग अंग झंझणा उठा…..तभी पापा की आवाज़ आई इतनी देर क्यों लगा दी….

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